हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना गया है, जो भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने का कार्य करता है। हर साल अलग-अलग मास में आने वाली एकादशी का नाम और महत्व भिन्न होता है। इस वर्ष रमा एकादशी 17 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इसे विशेष रूप से व्रती पुरुष और महिलाएं धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए रखते हैं। रमा एकादशी का व्रत करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है, पारिवारिक कलह समाप्त होती है और व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। इसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा का प्रतीक माना जाता है।
रमा एकादशी व्रत तिथि और मुहूर्त
रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त इस वर्ष 17 अक्टूबर 2025 को प्रातः 04:30 बजे से प्रारंभ होगा और 18 अक्टूबर की प्रातः 06:00 बजे तक रहेगा। व्रत का पालन करने का सर्वोत्तम समय द्वादशी आरंभ होने से पहले माना गया है। इस समय में व्रती पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ उपवास रखकर भगवान विष्णु की आराधना करते हैं।
रमा एकादशी पूजन विधि
रमा एकादशी के दिन पूजा करने से पहले घर की अच्छी तरह से सफाई करना आवश्यक है। पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां लाल कपड़ा बिछाया जाता है और भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति को स्थान दिया जाता है। तुलसी के पत्ते, फूल, दीपक, धूप और नैवेद्य जैसे फल और मिठाई का आयोजन किया जाता है। व्रती सूर्योदय के समय स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु के ध्यान में लीन होकर मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप किया जाता है। व्रत के दौरान कुछ लोग पूर्ण उपवास रखते हैं, जबकि कुछ अर्धाहार यानी हल्का भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन मन और शरीर की शुद्धि का विशेष ध्यान रखा जाता है।

रमा एकादशी व्रत कथा
रमा एकादशी की कथा में बताया गया है कि यह व्रत पाप नाश और पुण्य प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी है। कथा के अनुसार, जो व्यक्ति इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से करता है, उसके घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। रमा एकादशी का व्रत करने से मानसिक शांति मिलती है, आत्मा की शुद्धि होती है और जीवन में समृद्धि आती है। इसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा का अवसर माना गया है।
रमा एकादशी उपाय
रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। गरीब और जरूरतमंदों को दान देना इस दिन पुण्य कमाने का सर्वोत्तम उपाय है। तुलसी, दही, चावल और गुड़ का दान विशेष लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा व्रत के दिन नकारात्मक विचारों, झगड़ों और अनैतिक कृत्यों से दूर रहना चाहिए। पूरे दिन मन को शांत और सकारात्मक बनाए रखना चाहिए।रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में धन, स्वास्थ्य, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख की वृद्धि होती है। इस दिन का महत्व जानकर इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाना चाहिए। इस अवसर पर उपवास, पूजा और दान के माध्यम से भक्त अपनी भक्ति और समर्पण का प्रदर्शन करता है। रमा एकादशी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में अनुशासन, संयम और आत्मशुद्धि का संदेश भी देती है। इस दिन व्रत और पूजा के माध्यम से भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो पूरे वर्ष के लिए सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।













