Shivling Puja: हिंदू धर्म में भगवान शिव को सर्वाधिक पूजनीय देवों में से एक माना गया है। उनका निराकार स्वरूप — शिवलिंग, भक्ति का प्रमुख केंद्र होता है। शिवलिंग की पूजा न सिर्फ आध्यात्मिक लाभ देती है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
जहां सोमवार को शिवभक्त विशेष रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं, वहीं शनिवार का दिन भी शिवलिंग की पूजा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इसका एक खास कारण है — शनिदेव। शनिदेव भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। ऐसी मान्यता है कि शनिवार को यदि शिवलिंग पर कुछ विशेष वस्तुएं अर्पित की जाएं, तो महादेव के साथ-साथ शनिदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आइए जानते हैं ऐसी कौन-सी वस्तुएं हैं जिन्हें शनिवार को शिवलिंग पर चढ़ाकर आप अपने जीवन की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
काले तिल – कष्टों से मुक्ति का माध्यम
शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाना बहुत शुभ माना गया है। यह न केवल शनिदेव को प्रसन्न करता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में आ रही अड़चनों, स्वास्थ्य समस्याओं और धन-संबंधी संकटों को भी दूर करता है। शिव पुराण में भी काले तिल को पवित्र और दोष निवारक बताया गया है।
सरसों का तेल – शनि दोष से राहत
सरसों का तेल शनिदेव की आराधना में प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। इसी परंपरा के अनुसार, शनिवार के दिन सरसों का तेल शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति को शनि के प्रभाव से राहत मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है।
शमी और अपराजिता के फूल – समृद्धि के द्वार खोलें
शनिवार को शिवलिंग पर शमी के पत्ते और अपराजिता के फूल चढ़ाने की परंपरा भी बहुत प्राचीन है। यह दोनों पौधे शनिदेव और शिव दोनों को प्रिय माने जाते हैं। अपराजिता का फूल विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति का प्रतीक होता है, वहीं शमी का पत्ता जीवन में धन और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है।
पंचाक्षरी मंत्र का जप – आंतरिक शांति के लिए
शिवलिंग पर चढ़ावा अर्पित करने के बाद यदि “ॐ नमः शिवाय” मंत्र की एक माला का जाप किया जाए, तो यह संपूर्ण रूप से मन और आत्मा को शुद्ध कर देता है। यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है और शनिदेव की कड़ी दृष्टि से भी रक्षा करता है।
उड़द की दाल और शमी के पत्ते – शनिदेव को करें प्रसन्न
शनिवार के दिन शिवलिंग पर काली उड़द की दाल, शमी के पत्ते और नीले फूल अर्पित करना विशेष रूप से फलदायक माना गया है। इससे न केवल शनिदेव की कृपा मिलती है, बल्कि शनि से जुड़ी हर प्रकार की बाधा से छुटकारा भी मिलता है।
