Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभूति का अनोखा अनुभव भी है। हर साल लाखों श्रद्धालु कठिन यात्रा कर जम्मू-कश्मीर की अमरनाथ गुफा तक पहुँचते हैं, जहां हिम से निर्मित प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन होते हैं। लेकिन इस पावन यात्रा मार्ग में कुछ ऐसे कम-ज्ञात, प्राचीन मंदिर भी हैं, जिनकी महत्ता किसी तीर्थ से कम नहीं।
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2025 की अमरनाथ यात्रा में अगर आप अपने धार्मिक अनुभव को और भी विशेष बनाना चाहते हैं, तो इन 5 ऐतिहासिक मंदिरों को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें:
1. ममलेश्वर मंदिर, पहलगाम
अमरनाथ यात्रा का पहला महत्वपूर्ण पड़ाव – पहलगाम, सिर्फ एक सुंदर घाटी नहीं, बल्कि एक पवित्र स्थान भी है। यहीं स्थित है ममलेश्वर मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इसी स्थान पर शिव ने देवी पार्वती को अमर कथा सुनाने से पहले नंदी बैल को छोड़ा था। पत्थरों से बना यह मंदिर अपने प्राचीन स्वरूप और शांत सरोवर के कारण ध्यान और मनोकामना पूर्ति का अद्भुत केंद्र है।

2. मार्तंड सूर्य मंदिर, अनंतनाग
कभी भारत का भव्यतम सूर्य मंदिर माने जाने वाला यह स्थल आज भी अपनी खंडहर अवस्था में श्रद्धालुओं को चमत्कृत करता है। राजा ललितादित्य द्वारा 8वीं सदी में बनवाया गया यह मंदिर कश्मीर की वास्तुकला, गुप्त और गंधार कला का अनूठा मिश्रण है। ऊँचे पठार पर स्थित यह मंदिर आत्मिक ऊर्जा और सौंदर्य का संगम है।

3. अवंतीपुर मंदिर, अवंतिपोरा
झेलम नदी के किनारे स्थित ये मंदिर 9वीं सदी के कश्मीर के गौरव को दर्शाते हैं। राजा अवंतिवर्मन ने भगवान विष्णु (अवंतिस्वामी) और शिव (अवंतिश्वर) के लिए ये मंदिर बनवाए थे। भले ही आज ये मंदिर आंशिक रूप से खंडित हैं, लेकिन यहां की शिल्पकला और आध्यात्मिक ऊर्जा यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
4. शंकराचार्य मंदिर, श्रीनगर
डल झील की पृष्ठभूमि और श्रीनगर के सबसे ऊँचे स्थानों में से एक पर स्थित यह मंदिर तीर्थयात्रियों के लिए एक खास अनुभव देता है। यह माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने यहां साधना की थी। यहां से शहर का विहंगम दृश्य और झील की शांति, भक्तों को आत्मिक सुकून प्रदान करती है।

5. पांड्रेतन शिव मंदिर, श्रीनगर
जल में स्थित इस मंदिर को ‘पानी मंदिर’ भी कहा जाता है। 10वीं सदी के इस शिव मंदिर की छत आज भी सुरक्षित है, और इसकी विशेषता है – जलराशि के बीच स्थित इसका स्थान। कम प्रसिद्ध होने के बावजूद, यह मंदिर एक दिव्य अनुभव का केंद्र है।













