भाई दूज का त्योहार पूरे देश में भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और स्नेह को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन भाई और बहन के बीच आपसी प्रेम, सम्मान और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर बहन अपने भाई को तिलक करती है, उसे मिठाइयां खिलाती है और उसकी लंबी उम्र तथा खुशहाली की कामना करती है। हालांकि, इस पावन पर्व के दौरान कुछ छोटी-छोटी गलतियों के कारण न केवल पर्व का महत्व कम हो सकता है, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में तनाव या परेशानी भी पैदा हो सकती है। इसलिए इस दिन सावधानी और सही तैयारी बेहद जरूरी है।
शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री का महत्व
भाई दूज पर तिलक का सही समय बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। समय का ध्यान न रखने पर पूजा और तिलक का प्रभाव कम हो सकता है। ज्योतिष और विशेषज्ञों के अनुसार, दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक का समय भाई को तिलक करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा पूजा में प्रयुक्त सामग्री जैसे हल्दी, सिंदूर, कुमकुम और मिठाइयां पूरी तरह से शुद्ध और ताजगी भरी होनी चाहिए। यदि यह सामग्री अधूरी या अपवित्र हो तो भाई के लिए किए गए आशीर्वाद का प्रभाव कमजोर पड़ सकता है। बहनें इस दिन पूजा के लिए समय से पहले तैयारी करें और सभी सामग्री को ध्यानपूर्वक तैयार रखें।
तिलक करने की विधि और उपहार का चयन
भाई दूज पर तिलक और पूजा पूरी श्रद्धा भाव से की जानी चाहिए। जल्दबाजी में किया गया तिलक अधूरा और प्रभावहीन हो सकता है। साथ ही भाई को उपहार देते समय उसकी पसंद, उपयोगिता और जरूरतों का ध्यान रखना भी जरूरी है। केवल परंपरा के अनुसार उपहार देना ही पर्याप्त नहीं है; बल्कि ऐसा उपहार देना चाहिए जो भाई के जीवन में काम आए और उसकी खुशी बढ़ाए। गलत या अधूरी तैयारी, अधूरी पूजा और बिना सोच-विचार किए उपहार देने से भाई-बहन के रिश्ते में असंतोष या झगड़े की स्थिति पैदा हो सकती है।
सोशल मीडिया पर सावधानी
आजकल भाई दूज का उत्सव सोशल मीडिया पर साझा करना आम हो गया है। बहनें भाई के साथ की तस्वीरें फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी प्लेटफॉर्म पर शेयर करती हैं। हालांकि यह एक अच्छा तरीका है रिश्ते की खुशी दिखाने का, लेकिन यदि तस्वीरों में परिवार या भाई की निजी जानकारी साझा हो जाए तो यह भविष्य में परेशानी का कारण बन सकती है। इसलिए सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो साझा करते समय हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए और निजी जानकारी को साझा करने से बचना चाहिए।
भाई दूज का सार और परिवार में महत्व
भाई दूज केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते में आपसी प्यार, स्नेह और सम्मान को मजबूत करने का एक अवसर है। यह दिन परिवार में एकता, अपनत्व और विश्वास की भावना को भी बढ़ाता है। भाई और बहन के बीच की मीठी नोक-झोंक, उपहार और आशीर्वाद इस रिश्ते को और गहरा करते हैं। इसलिए बहनें इस दिन को सही तरीके से मनाकर भाई की लंबी उम्र, खुशहाली और सफलता की कामना करें।भाई दूज पर सही समय और सामग्री के साथ तिलक करने, पूरी भक्ति और ध्यान से पूजा करने तथा उपहार सोच-समझकर देने से यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से फलदायक होगा बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को जीवनभर के लिए मजबूत और मधुर बनाएगा। इस भाई दूज, अपनी गलती से बचें और अपने भाई को तिलक करने का यह पावन अवसर पूरे प्रेम और श्रद्धा भाव से मनाएं।













