भाई दूज का त्योहार आज पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते की गहरी भावना और आपसी स्नेह का प्रतीक है। भाई दूज का दिन मुख्य रूप से भाई की लंबी उम्र, खुशहाली और समृद्धि की कामना करने के लिए समर्पित होता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक करती है, उसे मिठाइयां खिलाती है और उपहार देती है। वहीं भाई अपनी बहन को सुरक्षा, प्यार और सम्मान का वचन देता है। यह पर्व केवल एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास और अपनत्व को और मजबूत करने वाला उत्सव है।
भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त
विशेषज्ञों के अनुसार आज भाई को तिलक करने का सबसे शुभ समय दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक रहेगा। इस समय में किया गया तिलक सबसे अधिक फलदायक माना जाता है। इस समय में पूजा और आशीर्वाद देने से भाई की लंबी उम्र और जीवन में खुशहाली आती है। परिवार वाले इस मौके पर भाई को समर्पित विशेष पकवान और मिठाइयां भी तैयार करते हैं। इस समय का पालन करके बहन अपने भाई के लिए अपने स्नेह और प्रार्थना की पूरी शक्ति व्यक्त कर सकती है।

भाई दूज पर परंपराएं और रस्में
भाई दूज पर बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करती है और उसे लंबी उम्र और खुशहाली के लिए आशीर्वाद देती है। इसके बाद भाई बहन को उपहार देता है और उसके प्रति अपने स्नेह और सुरक्षा का वचन देता है। इस दिन घर में विशेष पकवान जैसे खीर, पकोड़े, लड्डू और अन्य मिठाइयां बनाई जाती हैं। कई परिवारों में भाई दूज के दिन भाई-बहन मिलकर विशेष पूजा करते हैं और अपने रिश्ते की मिठास का अनुभव करते हैं।उत्तर भारत में यह पर्व विशेष महत्व रखता है। यहां बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य, सफलता और सुरक्षा के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण करती हैं। यह दिन भाई-बहन के बीच प्यार और अपनत्व को बढ़ाने का एक अनोखा अवसर होता है।
सोशल मीडिया और आधुनिक भाई दूज
आज के समय में भाई दूज केवल घर तक सीमित नहीं रह गया है। लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपने भाई-बहन के साथ की तस्वीरें साझा करते हैं और उन्हें शुभकामनाएं भेजते हैं। यह पर्व आधुनिक युग में भाई-बहन के रिश्ते को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी जीवंत रखने का एक तरीका बन गया है।भाई दूज केवल पारंपरिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास, स्नेह और अपनत्व की भावना को मजबूत करने वाला दिन है। यह पर्व हमें अपने भाई-बहन के प्रति जिम्मेदारी, प्रेम और सम्मान का एहसास कराता है।इस भाई दूज अपने भाई को समय पर तिलक करें, उसे आशीर्वाद दें और इस पावन दिन का आनंद पूरे परिवार के साथ मनाएं। इस दिन का उत्सव केवल रस्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच के अटूट बंधन और जीवन के हर सुख-दुख में साथ निभाने की भावना को उजागर करता है।













