इस साल की दिवाली बेहद खास होने वाली है, क्योंकि त्योहार से ठीक पहले आसमान में एक दुर्लभ खगोलीय संयोग देखने को मिलेगा। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, नवंबर 2025 की शुरुआत में ग्रहों, तारों और चाँद की ऐसी स्थिति बनने जा रही है जो प्राकृतिक आतिशबाजी जैसी खूबसूरत झलक पेश करेगी। दिवाली का पर्व जहां धरती पर रोशनी का प्रतीक है, वहीं इस बार आसमान भी रोशनी से जगमगाएगा।
कब और कैसे दिखेगा ये खगोलीय संयोग
खगोलविदों का कहना है कि 10 से 12 नवंबर के बीच आकाश में चाँद और प्रमुख ग्रह — बृहस्पति, शुक्र और मंगल एक ही रेखा में नज़र आएंगे। इस संयोग को “प्लैनेटरी एलाइन्मेंट” कहा जाता है। यही नहीं, इस दौरान चाँद का उजाला और तारों की चमक मिलकर एक ऐसा दृश्य बनाएंगे जिसे देखने वाले मंत्रमुग्ध रह जाएंगे। यह दृश्य भारत के अधिकांश हिस्सों से सूर्यास्त के बाद पश्चिमी दिशा में साफ़ दिखाई देगा।

दुर्लभ संयोग का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
भारतीय परंपरा में ग्रहों और तारों की स्थिति को हमेशा से शुभ-अशुभ संकेतों से जोड़ा गया है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि दिवाली से पहले होने वाला यह खगोलीय संयोग सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संकेत है। माना जा रहा है कि यह समय व्यापार, निवेश और नए कार्यों के लिए भी शुभ रहेगा। चूँकि दिवाली स्वयं मां लक्ष्मी के आगमन का पर्व है, इसलिए यह खगोलीय रोशनी भी शुभता का प्रतीक मानी जा रही है।
खगोल प्रेमियों के लिए सुनहरा मौका
खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए यह दिवाली किसी तोहफ़े से कम नहीं होगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह दृश्य नग्न आंखों से भी दिखाई देगा, लेकिन यदि आपके पास दूरबीन या टेलीस्कोप है, तो यह अनुभव और भी अद्भुत होगा। साफ़ आसमान वाले ग्रामीण इलाकों या शहरों से दूर खुले मैदानों में यह नज़ारा सबसे बेहतर देखा जा सकेगा।
दिवाली 2025 बनेगी यादगार
दिवाली 2025 इस बार 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस बार न केवल धरती पर दीयों की जगमगाहट देखने को मिलेगी, बल्कि आसमान भी तारों और ग्रहों की रौशनी से दमक उठेगा। यह संयोग दिवाली के पर्व को और अधिक विशेष बना देगा, क्योंकि यह धर्म, विज्ञान और प्रकृति के सुंदर संगम का प्रतीक होगा।इस दिवाली, जब धरती पर दीपों की श्रृंखला सजेगी, तब आसमान में भी प्राकृतिक दीपोत्सव दिखाई देगा। यह दुर्लभ संयोग हर किसी को याद दिलाएगा कि रोशनी सिर्फ़ दीयों से नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की सुंदरता से भी आती है













