दीपावली का त्योहार नजदीक है और हर घर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों की खरीददारी का समय शुरू हो चुका है। यह वह समय है जब लोग अपने घर को सजाने और समृद्धि का स्वागत करने के लिए हर संभव तैयारी करते हैं। लेकिन अक्सर लोग मूर्ति खरीदते समय छोटी-छोटी गलतियाँ कर देते हैं, जिनका असर पूजा और घर में सुख-शांति पर पड़ सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि मूर्ति खरीदने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए।
सही सामग्री और आकार का महत्व
मूर्ति खरीदते समय उसकी सामग्री और आकार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बाजार में मिट्टी, पॉलिमर, लकड़ी, धातु या अन्य सामग्रियों से बनी विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ उपलब्ध हैं। पारंपरिक पूजा और वास्तु के अनुसार मिट्टी और लकड़ी की मूर्तियाँ अधिक शुभ मानी जाती हैं। इसके अलावा, मूर्ति का आकार भी महत्वपूर्ण होता है। पूजा स्थल के अनुसार उचित आकार की मूर्ति चुनना चाहिए। बहुत बड़ी मूर्ति छोटे पूजा स्थल में रखना मुश्किल हो सकता है और बहुत छोटी मूर्ति भी पूजा के महत्व को कम कर सकती है। इसलिए मूर्ति का आकार और उसकी गुणवत्ता दोनों पर ध्यान देना जरूरी है।
सकारात्मक ऊर्जा और शुभ संकेत
मूर्ति का रंग, मुद्रा और चेहरे का भाव सकारात्मक ऊर्जा का संकेत होते हैं। भगवान गणेश की मुस्कान और उनके हाथ की मुद्रा घर में सुख-समृद्धि लाने में मदद करती है। वहीं, लक्ष्मी जी की मूर्ति में हाथ में कमल का फूल और धन का प्रतीक होना चाहिए। मूर्ति खरीदते समय इन बारीकियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही तत्व घर में सकारात्मक वातावरण और ऊर्जा का संचार करते हैं। खरीदते समय मूर्ति का चेहरा शांत और आकर्षक होना चाहिए, जो घर में संतुलन और सुख-शांति बनाए रखे।

स्थान और दिशा का ध्यान
मूर्ति की स्थापना स्थल भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हमेशा साफ-सुथरे और प्रतिष्ठित दुकानों से ही मूर्ति खरीदें। गंदे या धूल-धूप वाले स्थान से मूर्ति लेने से बचें। पूजा स्थल में मूर्ति को सही दिशा में रखना चाहिए। वास्तु और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, उत्तर-पूर्व कोण में मूर्ति स्थापित करने से घर में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है। यदि मूर्ति को गलत दिशा में रखा जाए तो पूजा का पूरा लाभ नहीं मिलता और घर में सुख-समृद्धि प्रभावित हो सकती है।
शुभ मुहूर्त और की तैयारी
मूर्ति खरीदने और स्थापना के समय शुभ मुहूर्त का पालन करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह न केवल पूजा को अधिक फलदायक बनाता है, बल्कि पूरे परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। मूर्ति स्थापित करने से पहले पूजा स्थल को साफ करें, दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती से वातावरण को पवित्र बनाएं। इससे पूजा अधिक प्रभावशाली और आनंददायक होती है।दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का सही चयन और उसकी उचित स्थापना आपके घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाती है। इसलिए मूर्ति खरीदते समय ध्यानपूर्वक चयन करें, शुभ मुहूर्त का पालन करें और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें। इन सावधानियों से आपका दीपावली उत्सव और भी सुखद और सफल बन सकता है।













