Kabir Das Jayanti 2025 Wishes in Hindi: आज पूरे देश में संत कबीर दास जी की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली यह पावन जयंती, भारतीय समाज में एक विशेष स्थान रखती है। संत कबीर सिर्फ एक कवि या संत नहीं थे, बल्कि वे समाज सुधारक, विचारक और एक क्रांतिकारी चेतना के प्रतीक थे, जिन्होंने अपने दोहों और उपदेशों से समाज को नई दिशा देने का कार्य किया।
संत कबीर दास
संत कबीर दास जी का जन्म लगभग 15वीं सदी में हुआ माना जाता है। उनके जन्म को लेकर कई मान्यताएं हैं, लेकिन अधिकतर विद्वानों का मत है कि वे काशी (वर्तमान वाराणसी) के पास लहरतारा क्षेत्र में जन्मे थे। उन्होंने कभी औपचारिक शिक्षा नहीं ली, लेकिन उनके ज्ञान की गहराई उनके दोहों और साखियों में साफ दिखाई देती है।
कबीरदास जी का जीवन और संदेश समाज में फैले जातिवाद, धार्मिक आडंबर और पाखंड के खिलाफ था। वे यह मानते थे कि ईश्वर न मंदिर में है, न मस्जिद में, बल्कि वह हर इंसान के भीतर निवास करता है। उन्होंने “जाति-पांति पूछे न कोई, हरि को भजे सो हरि का होई” जैसे दोहों से समाज को एकता, प्रेम और सच्चाई का मार्ग दिखाया।
क्यों खास है कबीर जयंती का दिन?
कबीर जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि समाज को बदलने के लिए केवल शब्द ही काफी हो सकते हैं, बशर्ते वे सत्य, प्रेम और संवेदना से भरे हों। संत कबीर का जीवन एक मिसाल है कि बिना ऊँच-नीच, भेदभाव और पाखंड के एक आदर्श समाज कैसे संभव है।
इस पावन अवसर पर हर साल देशभर में भजन-कीर्तन, दोहा पाठ, संगोष्ठियों और कबीरपंथी आयोजनों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। लोग कबीरदास जी के दोहों का पाठ कर उनके विचारों को समझते और आत्मसात करने की कोशिश करते हैं।
संत कबीर दास जयंती की शुभकामनाएं
- कबीर दास जी की जयंती पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं,
उनके बताए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर जीवन को सफल बनाएं। - प्रेम और सद्भाव का संदेश देने वाले संत कबीर दास जी की जयंती की ढेर सारी बधाई,
उनके दोहे सही मायने में हमें जीवन का सही अर्थ समझाते हैं। - जाति-पाति पूछे न कोई।
हरि को भजे सो हरि का होई॥
संत कबीर दास जी की जयंती पर आप सभी को शुभकामनाएं। - कबीर दास जी के ज्ञान और भक्ति से हमारा जीवन प्रकाशित हो, कबीर जयंती की मंगलकामनाएं।
- इस पावन अवसर पर आइए हम कबीर दास जी के आदर्शों का पालन करने का संकल्प लें।
- बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
आप सभी को संत कबीर जयंती 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं!
