Radha Rani Puja: हर घर में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा आम बात है। लोग उन्हें स्नान कराते हैं, वस्त्र पहनाते हैं, झूला झुलाते हैं और घर के सदस्य की तरह सेवा करते हैं। माना जाता है कि लड्डू गोपाल की पूजा से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। लेकिन एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है — क्या राधा रानी के बाल स्वरूप लाडली जी की मूर्ति भी घर में स्थापित की जा सकती है? अगर हां, तो इसके नियम और विधि क्या हैं? आइए इस लेख में सरल भाषा में समझते हैं।
राधा रानी कौन हैं?
राधा रानी को भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रिय और आध्यात्मिक संगिनी के रूप में जाना जाता है। भागवत, ब्रह्मवैवर्त पुराण और अन्य कई ग्रंथों में राधा जी का गौरवगान मिलता है। कहा जाता है कि राधा जी का नाम जपने से स्वयं श्रीकृष्ण की भी कृपा प्राप्त होती है। वे केवल एक प्रेमिका नहीं, बल्कि भक्ति की पराकाष्ठा हैं।
घर में लाडली जी की मूर्ति रखना शुभ या नहीं?
जैसे आप लड्डू गोपाल की नियमित सेवा करते हैं, वैसे ही राधा रानी के बाल स्वरूप लाडली जी की मूर्ति को भी घर में रखा जा सकता है — लेकिन कुछ नियमों के साथ। राधा जी को केवल सजावट या दिखावे के लिए नहीं, बल्कि प्रेम और श्रद्धा से स्थापित किया जाना चाहिए।
क्या नियमों का पालन ज़रूरी है?
बिलकुल। राधा रानी की मूर्ति को घर में रखने से पहले इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें:
- लाडली जी को लड्डू गोपाल के साथ ही स्थापित करें। अकेले राधा जी की मूर्ति रखने की परंपरा नहीं है।
- प्रतिमा की स्थापना में दिशा का ध्यान रखें। राधा जी को लड्डू गोपाल के दाएं हाथ की ओर रखें।
- पूजा क्रम में सबसे पहले राधा जी की पूजा करें, उसके बाद लड्डू गोपाल की।
राधा रानी की पूजा विधि
राधा जी की सेवा और पूजा में विशेष भावना और नियमों का पालन करना ज़रूरी होता है। आइए जानें उनकी पूजा की संपूर्ण विधि:
- स्नान और साफ-सफाई– सुबह सूर्योदय से पहले उठें। स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।
- अभिषेक– राधा रानी की मूर्ति का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें। फिर स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
- श्रृंगार और भोग– उन्हें साफ-सुथरी पोशाक पहनाएं। फूलों, चंदन, इत्र से श्रृंगार करें। उनके प्रिय फल, मिठाई, और तुलसी पत्र अर्पित करें।
- आरती और प्रार्थना– धूप-दीप से आरती करें और राधा रानी के मंत्रों का जाप करें।
- लड्डू गोपाल की पूजा– राधा जी की पूजा के बाद लड्डू गोपाल की सेवा करें।
- प्रसाद वितरण– अंत में प्रसाद सभी में बांटें और मंगल की कामना करें।
राधा रानी के मंत्र (Radha Rani Mantra)
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप अत्यंत फलदायी माना गया है:
- ॐ ह्रीं श्री राधिकायै नमः
- ऊं ह्नीं राधिकायै नमः
- ऊं ह्नीं श्रीराधायै स्वाहा
- श्री राधायै स्वाहा
- नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी।
रासेश्वरी नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये॥
