Raksha Bandhan 2025: कालों के काल बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में वैसे तो हर त्योहार की शुरुआत विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर से होती है, लेकिन श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित श्री बड़ा गणेश मंदिर 118 वर्ष पुराना ऐसा स्थान है, जहां विराजित भगवान श्री गणेश की देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी कई बहनें हैं, जो की रक्षाबंधन पर अपने भाई को राखी भेजना कभी नहीं भूलती हैं. रक्षाबंधन को लेकर बड़ा गणेश मंदिर में लगभग एक सप्ताह पहले से ही भगवान के लिए राखियां आना शुरू हो गई थीं, जिसका क्रम अब भी लगातार जारी है.
यह मंदिर महाकाल मंदिर के पास घाटी पर अतिप्राचीन श्री बड़ा गणेश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. मंदिर के पुजारी पंडित सुधीर व्यास बताते हैं कि भगवान श्री बड़ा गणेश की सैकड़ों बहनें ऐसी हैं, जो कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहती हैं और प्रतिवर्ष भगवान बड़ा गणेश के लिए राखियां भिजवाती हैं. आपने बताया कि इस वर्ष भी अमेरिका, सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग के साथ ही देश-विदेश से भगवान श्री गणेश की बहनों ने अलग-अलग तरह की राखियां भिजवाई हैं.
पूरे दिन भर चलेगा राखी बांधने का क्रम
बताया जाता है कि भगवान बड़ा गणेश की बहनें हर वर्ष उन्हें इतनी राखियां भेजती हैं कि इन राखियों को मंत्रोच्चार के साथ बांधने के लिए पूरा दिन लग जाता है. मंदिर के पुजारी पूर्ण विधि-विधान के साथ ही बहनों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए उनके द्वारा भेजी गई राखियों को श्री गणेश को बांधते हैं और उनके द्वारा भेजी गई मिष्ठान सामग्री को भक्तों में वितरित कर देते हैं. इस दिन मंदिर की आकर्षक सजावट किए जाने के साथ ही भगवान का विशेष पूजन-अर्चन किए जाने के साथ ही महाआरती भी की जाती है.
श्री गणेश को माना जाता है भाई
बाबा महाकाल की इस नगरी में सभी भगवान शिव को अपना पिता और पार्वती जी को अपनी माता मानते हैं. यही कारण है कि श्री बड़ा गणेश मंदिर पर रक्षाबंधन के दिन देश-विदेश से आने वाली इन राखियों के साथ ही भगवान गणेश की कलाई पर राखी बांधने के लिए भी बड़ी संख्या महिलाएं और युवतियां यहां पहुंचती हैं, जो कि राखी बांधने के बाद अपने भाई की लंबी उम्र की कामना भी करती हैं. यह मंदिर लगभग 118 वर्ष पुराना है. इसीलिए इस मंदिर से सैकड़ों लोगों की आस्था जुडी हुई है. मंदिर में श्री गणेश को राखी बांधने के लिए छोटी-छोटी कन्याओं से लेकर बुजुर्ग महिलाएं तक बड़ा गणेश के साथ इस त्योहार को धूमधाम से मनाने के लिए पहुंचती हैं.













