Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। कहते हैं इस महीने में जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करता है उसकी सारी मनोकामनाएं देवों के देव महादेव पूरी करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, इस महीने में भगवान शिव अपने परिवार के साथ पृथ्वी का विचरण करने के लिए आते हैं। साथ ही इस महीने का महत्व और अधिक इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि, इस महीने में भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। इसलिए सावन मास भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस दौरान शिवलिंग का अभिषेक और उन्हें विशेष प्रकार के फूल अर्पित करना अत्यंत फलदायक होता है। आइए जानते हैं सावन में भगवान शिव को कौन से फूल अर्पित करने चाहिए।
Sawan 2025: सावन में भगवान शिव को अर्पित करें ये फूल
धतूरा शिवजी को धतूरा बहुत प्रिय है। इसे अर्पित करने से मन से नकारात्मक विचार और बुरी आदतें दूर होती हैं। सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा अर्पित करने से मन शुद्ध रहता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
Sawan 2025: मदार के फूल
मदार का फूल भी शिवजी को चढ़ाया जाता है। इसे चढ़ाने से जीवन में आने वाले बड़े संकट टलते हैं और अगर आपके शत्रु आपको परेशान कर रहे हैं तो विशेष रुप से यह फूल सावन के महीने में भगवान शिव को अर्पित करें।
कुंद के फूल
सफेद कुंद का फूल शिवलिंग पर चढ़ाना पवित्र माना जाता है। इस फूल को शिवलिंग पर चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में शांति, प्रेम और मानसिक स्थिरता आती है।
नीलकमल
नीलकमल शिवजी को बहुत प्रिय है। इसे अर्पित करने से दुर्भाग्य दूर होता है और घर परिवार में सुख-शांति बढ़ती है।
गुलाब के फूल
गुलाब हर पूजा में चढ़ाया जाता है। इसी के साथ सावन के महीने में भगवान शिवजी को अर्पित करने से प्रेम संबंधों में मधुरता आती है।
कनेर के फूल
सावन के महीने में पीले और सफेद कनेर के फूल शिवलिंग पर चढ़ाए। इन फूलों को अर्पित करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और आर्थिक कष्ट भी दूर होते हैं।
सावन में शिवलिंग पर फूल चढ़ाने की विधि
भगवान शिव को फूल अर्पित करने से पहले इस बात का ध्यान रखें की फूल हमेशा ताजे और साफ होने चाहिए।
भगवान शिव को फूल उल्टे करके या जिनकी पंखुड़ी टुटी हो वह नहीं चढ़ाने चाहिए।
सावन के महीने में भगवान शिव को फूल बेलपत्र के साथ फूल अर्पित करना श्रेष्ठ होता है।
जब भी शिवलिंग पर फूल अर्पित करें तो ओम् नमः शिवाय का जप करते हुए ही फूल चढ़ाएं।
