Sawan ke Daan : भगवान शिव के प्रिय सावन मास में भोलेनाथ की पूजा का महत्व है। वैसे तो शिवजी एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। लेकिन, श्रावण माह महात्म्य और शिव पुराण में सावन में कुछ विशिष्ट दान के बारे में बताया गया है, जिन्हें करके आप सुख समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं सावन में क्या क्या दान करना चाहिए।
Sawan ke Daan :सावन में पुस्तकों का दान करें
श्रावण मास महात्म्य के अनुसार, सावन मास में मौनव्रत रखने का बड़ा महत्व है। खासकर भोजन के समय मौनव्रत रखना चाहिए और व्रत के अंत में घंटा और पुस्तक का दान करें। इसके साथ ही ब्राह्मणों को रोटक का दान करना चाहिए। केला, नारियल, खजूर, ककड़ी, नारंगी, नींबू समेत अन्य ऋतु फल के दान करने का बड़ा महत्व है। इसके साथ ही सावन में अपनी किसी प्रिय वस्तु का त्याग करके भोलेनाथ को अर्पित करने से व्यक्ति को परम गति मिलती है और उसके सद्कर्मों का प्रति लाख गुना फल मिलता है।
Sawan ke Daan :तिल के लड्डू कर सकते हैं दान
सावन मास में घर में रुद्राभिषेक कराने, होम कराने का भी महत्व बताया गया है। इसके साथ ही क्षमता अनुसार ब्राह्मणों को भोज कराना चाहिए। नागों का पूजन करना चाहिए। उनके नाम से दूध आदि का दान करना चाहिए। इसके अलावा तिल के लड्डुओं को भगवान को अर्पित करने के बाद इनका दान करना चाहिए। सावन में खीर या तिल से गायत्री मंत्र, मूल मंत्र या शिव सहस्रनाम मंत्रों से घर में होम कराना चाहिए। जिस भी मंत्र से पूजा की गई है उससे ही पूर्णाहुति डालनी चाहिए। इसके बाद होम कराने वाले ब्राह्मणों को वस्त्र, अलंकार, भूषण, क्षमतानुसार दक्षिणा आदि देनी चाहिए।
Sawan ke Daan :यथासंभव दान करने का है महत्व
यही नहीं सावन मास में फूल, फल, तुलसी की मंजरी, तुलसी दल, बेल पत्र से शिवजी की पूजा करनी चाहिए। सावन मास में शाक का त्याग करने का महत्व बताया गया है। सावन में रोज अतिरुद्र, महारुद्र या रुद्रमंत्र से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा सावन मास में यथासंभव दान पुण्य करना चाहिए। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। सावन में शिवजी की सोने की मूर्ति बनवाकर पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही चांदी का दीया बनाकर उसका दान करना चाहिए। इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
Sawan ke Daan :सावन में इन चीजों का कर सकते हैं दान
शिव पुराण में भी सावन में दान के बारे में बताया गया है। सावन में गोदान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। भूदान करने से परलोक में आश्रय मिलता है जबकि तिल के दान से बल मिलता है। वस्त्रों के दान से आयु बढ़ती है। गुड़ के दान से भोजन की प्राप्ति होती है। सोने-चांदी के दान से वीर्य बढ़ता है और धन का दान करने से धन-समृद्धि बढ़ती है। इसके साथ ही सावन में कोंहड़ा और घी का दान करना पुष्टिदायक है जबकि कन्यादान श्रेष्ठ दान है जिससे जीवन में भोग मिलता है।
