Translate Your Language :

Latest Updates
Sawan 2025: सावन के महीने में इन चीजों का नहीं करना चाहिए सेवन ,जानें क्या है इसकी धार्मिक मान्यता और वैज्ञानिक कारण Ujjain Mahakaleshwar Mandir Ka Itihas: जानिए क्यों इतना फेमस है उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर, क्या है इसके पीछे रहस्य ? Hariyali Teej 2025 Date: सावन में हरियाली तीज कब मनाई जाती है? जानिए महत्व और शुभ मुहूर्त Sawan 2025: सावन में भगवान शिव को अर्पित करें ये 5 फूल, भगवान शिव होंगे प्रसन्न Sawan ke Daan : सावन मास में करें इस एक चीज का दान, भोलेनाथ देंगे लाख गुना फल, आर्थिक परेशानियां भी होंगी दूर Sawan 2025: सावन में शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए ऐसे बेलपत्र होने चाहिए ,जिससे आपकी पूरी हो जाए हर मनोकामना Shaniwar Ke Upay : सावन के पहले शनिवार, सुबह शिवलिंग पर कर लें ये 5 काम, नहीं बिगाड़ पाएंगे आपका कुछ Mehendi Religious Benefits: सावन में महिलाओं को मेहंदी क्यों लगानी चाहिए? Sawan Me Ghar Par Rudrabhishek Ke Fayde : सावन में घर पर रुद्राभिषेक करने के फायदे जानिए, आप भी इस बार जरूर करें Sawan me Deepak Ke Upay : सावन में रोजाना घर के ईशान कोण में दीपक जलाने के लाभ: लक्ष्मी का आगमन और शिव कृपा की प्राप्ति
Home » आरती » Shani Dev Aarti: हर शनिवार पढ़ें शनिदेव आरती लिरिक्स – जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी

Shani Dev Aarti: हर शनिवार पढ़ें शनिदेव आरती लिरिक्स – जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी

Facebook
X
WhatsApp

Shani Dev Aarti Lyrics in Hindi: हिन्दू धर्म में शनिवार का दिन सूर्यपुत्र भगवान शनिदेव की पूजा के लिए सबसे उत्तम और शुभ माना जाता है। जिसमें शनिदेव की आरती, चालीसा व अन्य पाठ भी किए जाता हैं। शनि देव की आरती मुख्य रूप से प्रत्येक शनिवार को सूर्यास्त के बाद की जाती है, जब भक्त शनि देव को तेल का दीपक अर्पित करते हैं। यह आरती विशेष रूप से शनि अमावस्या, शनि जयंती, या शनि दोष, साढ़ेसाती व ढैय्या जैसी स्थितियों में भी पढ़ी जाती है ताकि जीवन की बाधाएं, कष्ट, रोग, शत्रु बाधा और न्याय संबंधी समस्याएं दूर हो सकें।

श्री शनिदेव आरती – Shani Dev Aarti

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
जय जय श्री शनिदेव..॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
जय जय श्री शनिदेव..॥

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें