Shiv Ji Maa Parvati Ki Kahani: भगवान शिव की पौराणिक कथाएं: कहा जाता है, ‘राम का नाम बनाए सारे काम।’ यानी राम के नाम को इस संसार को उच्च स्थान प्राप्त है और यह इस दुनिया का परम सत्य है। तभी तो जब किसी की मृत्यु भी होती है तो उसे श्मशान की ओर ले जाते हुए कहा जाता है, ‘राम नाम सत्य है।’ ऐसे प्रभु श्रीराम के पावन नाम की महिमा एक बार शिवजी ने मां पार्वती को सुनाई थी। माता पार्वती ने उत्सुकतावश भगवान शिव से पूछा था कि आप बार-बार बिना किसी वजह के किसको प्रणाम करते हैं। तब शिवजी ने माता पार्वती को कथा सुनाई थी। और बताया था कि कलियुग में मोक्ष पाने का आसान तरीका क्या है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Shiv Ji Maa Parvati Ki Kahani: शिवजी को प्रिय है राम का नामशिवजी को प्रिय है राम का नाम
विद्वान बताते हैं कि शिवजी अक्सर किसी को प्रणाम करते थे और मां पार्वती को यह देखकर हैरानी होती थी। चूंकि शिवजी ऐसा कई बार करते थे तो एक दिन मां पार्वती ने महादेव से पूछा। हे प्रभु! आप बार-बार किसे प्रणाम करते रहते हैं। तब शिवजी ने बताया, हे देवी! जो व्यक्ति राम नाम जपता है मुझे वह प्रिय होता है। और राम नाम मुझे बहुत प्रिय है।
राम नाम जपने का महत्व क्या है
इसके बाद मां पार्वती ने शिवजी से पूछा कि आप श्मशान क्यों जाते हैं और अपने शरीर पर चिता की राख क्यों लगाते हैं। इस पर शिवजी ने बताया कि राम नाम ही इस दुनिया का सत्य है। फिर वह मां पार्वती को श्मशान में ले गए जहां शिवजी ने एक शव को श्मशान की ओर आते हुए देखा और मां पार्वती से कहा कि देखिए, जब लोग श्मशान की तरफ जाते हैं तो राम नाम का जप करते हैं। और मैं वही राम नाम सुनने के लिए यहां पर आता हूं। इतने लोगों के मुंह से इस शव की वजह से राम नाम निकलता है, इसलिए मैं ऐसे शव का सम्मान करता हूं। और दाह संस्कार के बाद जब इसकी राख बच जाती है तो उस भस्म को मैं अपने शरीर पर लगा देता हूं। इसलिए कलियुग में राम नाम जपने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शिवजी ने मां पार्वती को सुनाई कथा
कथा बताती है कि एक बार भगवान शिव कहीं से कैलाश पर पहुंचते हैं और माता पार्वती से भोजन की मांग करते हैं। तब मां पार्वती विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर रही होती हैं। इस पर मां पार्वती ने कहा कि प्रभु अभी पाठ पूरा नहीं हुआ है इसलिए थोड़ी देर कृपया इंतजार कीजिए। तब शिवजी ने कहा कि इसमें समय लगेगा। आप संतों की तरह वही उपाय कर लो जो संत सहस्रनाम को छोटा करके नियमित रूप से करते हैं और नाम जप करते हैं। तब मां पार्वती ने शिवजी से उसका उपाय पूछा। तब शिवजी ने बताया कि आप सिर्फ एक बार राम का नाम ले लें। आपको भगवान के एक हजार नाम यानी सहस्रनाम का पाठ करने के बराबर फल मिल जाएगा। एक राम का नाम हजारों दिव्य नाम के बराबर है।
राम नाम क्यों जपना चाहिए
श्रीराम राम रामेति, रमे रामे मनोरमे।
सहस्रनाम तत्तुल्यम राम नाम वरानने।।
राम का नाम सभी आपदाओं को हरने वाला है। यह सभी संपदा को देने वाला है। इसके जप से आपको सारे संसार की शांति मिलती है। इसलिए मैं इसे बार बार प्रणाम करता हूं। वहीं राम नाम को लेकर कहा गया है कि यह सभी दुख, समस्याओं को हरने वाला है। यह सभी पापों का नाश करने वाला है। सुख संपत्ति को देने वाला है और यमदूतों को खदेड़ने वाला है। मोक्ष दिलाने वाला है। इसलिए राम नाम खुद भी जपना चाहिए और दूसरों को भी इसे जपने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे आपका और दूसरों का कल्याण हो जाता है। इससे कलियुग में शिवजी प्रसन्न होते हैं।
