Surya Grahan 2025 : साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण अब बस आने ही वाला है। यह खगोलीय घटना 21 सितम्बर, रविवार की रात होगी। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) है, जिसमें चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक देगा। दुनिया भर में खगोल विज्ञान प्रेमी इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए तैयार हैं, लेकिन भारत के लोग इस बार इससे वंचित रहेंगे।

ग्रहण कब और कितने समय का होगा?
खगोल वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार, सूर्य ग्रहण की शुरुआत 21 सितम्बर रात 10:59 बजे (भारतीय समयानुसार) होगी। ग्रहण का मध्य चरण 1:11 AM (22 सितम्बर, सोमवार) को होगा और यह घटना लगभग 3:23 AM पर समाप्त होगी। यानी कुल मिलाकर यह ग्रहण करीब साढ़े चार घंटे तक चलेगा।
कहां दिखाई देगा यह ग्रहण?
यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तरी अमेरिका, रूस और आर्कटिक क्षेत्र से देखा जा सकेगा। इन इलाकों में लोग इसे अपनी आँखों से देख पाएंगे। वहीं एशिया के कई देश—जिनमें भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका शामिल हैं—इस ग्रहण को नहीं देख पाएंगे। इसका कारण यह है कि जब ग्रहण शुरू होगा, उस समय इन देशों में सूर्य क्षितिज से नीचे होगा।
भारत में क्यों नहीं दिखेगा ग्रहण?
भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई न देने का मुख्य कारण समय और भौगोलिक स्थिति है। ग्रहण का समय पूरी तरह रात का है और उस समय सूर्य अस्त हो चुका होगा। सूर्य की उपस्थिति के बिना कोई भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देता, इसलिए भारतीय उपमहाद्वीप के लोग इस साल का आखिरी ग्रहण नहीं देख पाएंगे।
धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को विशेष धार्मिक महत्व दिया जाता है। भारत में यह दिखाई न देने के बावजूद कई लोग धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में स्नान, मंत्र जाप और दान जैसे कार्य करते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टि से यह घटना सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच बनने वाली अद्भुत ज्यामितीय स्थिति को दर्शाती है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की रोशनी को ढक लेता है, तब सूर्य ग्रहण होता है। इस बार यह आंशिक रूप से होगा, यानी सूर्य पूरी तरह नहीं ढकेगा।
अगला सूर्य ग्रहण कब होगा?
भारत में दिखाई देने वाला अगला सूर्य ग्रहण वर्ष 2026 में लगेगा। खगोल विज्ञान से जुड़े लोगों और आम जनता के लिए यह बेहद खास अवसर होगा क्योंकि इसे भारत के विभिन्न हिस्सों से स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।
21 सितम्बर 2025 को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भले ही भारत में दिखाई न दे, लेकिन पूरी दुनिया के लिए यह एक अहम खगोलीय घटना होगी। वैज्ञानिक इसे अपने उपकरणों से रिकॉर्ड करेंगे और धार्मिक मान्यताओं वाले लोग अपने-अपने तरीके से इस काल को विशेष मानेंगे। भारत में अगला अवसर वर्ष 2026 में आएगा, जब लोग सूर्य ग्रहण का सजीव नजारा देख पाएंगे।













