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Ganesh Ji Ki Aarti: हर पूजा में ऐसे करें गणेश जी की आरती, सभी कार्य निर्विघ्न होंगे पूरे

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Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi:भारतीय संस्कृति में भगवान गणेश को “प्रथम पूज्य” कहा गया है, यानी किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनके नाम के बिना अधूरी मानी जाती है। उनका स्मरण मात्र से विघ्न दूर होते हैं और कार्य में सफलता प्राप्त होती है। भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ भी कहा जाता है, जो जीवन के कष्टों और अड़चनों को दूर करते हैं।

इसलिए प्रत्येक पूजा में भगवान गणेश जी की पूजा अवश्य ही की जाती है, इसी के साथ उनकी आरती “जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा” के साथ की जाती है।

गणेश जी की आरती | Ganesh Ji Ki Aarti

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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