Kamika Ekadashi 2025 : हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत करने का खास महत्व होता है। इसे करने से व्यक्ति के जीवन के दुख दूर हो सकते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, सावन में पड़ने वाली एकादशी का अधिक महत्व बताया गया है, जिसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन कामिका एकादशी व्रत रखा जाता है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि इस बार यह एकादशी कब पड़ रही है, इसके नियम और पूजा की विधि क्या है।
कामिका एकादशी व्रत का शुभ मुहर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, कामिका एकादशी तिथि का आरंभ 20 तारीख को दोपहर में 12 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रहा है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, उदय तिथि में व्रत करने का विधान बताया गया है। ऐसे में अगले दिन यानी 21 तारीख, सोमवार को कामिका एकादशी व्रत रखा जाएगा। वहीं, द्वादशी तिथि 22 तारीख, मंगलवार को सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। ऐसे में सुबह 7 बजे तक व्रत का पारण कर लेना सबसे उत्तम रहेगा। कामिका एकादशी का व्रत रखने से जातक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कामिका एकादशी व्रत की पूजा विधि
इस व्रत को रखने से एक दिन पहले जातक को चावल का त्याग कर देना चाहिए और अलगे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद, साफ वस्त्रों का धारण करें। माना जाता है कि कामिका एकादशी के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना सबसे उत्तम होता है। अगर ऐसा संभव न हो तो आप स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। इसके बाद, पूजा घर में पीले रंग का आसन बिछाएं और उस पर भगवान विष्णुजी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। अब विधि-विधान से पूजा और आरती करें। साथ ही, कामिका एकादशी व्रत कथा का पाठ भी जरूर करें।
कामिका एकादशी व्रत नियम
एकादशी व्रत के एक दिन पहले से ही नियमों का ख्याल रखना जरूरी होता है। इसमें चावल का त्याग करना सबसे जरूरी होता है। दशमी तिथि से सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। साथ ही, व्रत के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और दिन में सोने से बचना चाहिए। कामिका एकादशी व्रत के दिन केवल फलाहार कर सकते हैं। विधि-विधान से व्रत करने से जातक को बेहद शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से उनकी विशेष कृपा जातक पर बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि आने लगती है।
